Saturday, October 7, 2017

सुसंस्कारों का अभेद्य किला बनायें।




प्राचीन काल के सम्राट अपने राज्य के चारों ओर सुदृढ़ किले बनवाते थे। उनकी ऊँची और मजबूत दीवारों से टकराकर शत्रु के तीर निष्प्रभावी  हो जाते थे। प्रशिक्षित बहादुर लड़ाके हर पल किलों की सुरक्षा में तैनात रहते थे और शत्रु को देखते ही उसपर टूट पड़ते थे। 

इसी तरह नकारात्मक विचारों से बचने के लिए हमें भी अपने मस्तिष्क के चारों ओर सुसंस्कारों का अभेद्य किला बनाने की आवश्यकता है। हमें सकारात्मक विचारों वाले व्यक्तियों से मित्रता के साथ-साथ धार्मिक और प्रेरक साहित्य हमेशा पढ़ते रहना चाहिए ताकि शैतानी विचारों वाले विष बुझे तीर सुसंस्कारों से टकराकर निरर्थक हो जायें। 

सकारात्मक विचारों के लगातार प्रहार से भी नकारात्मक विचार निष्प्रभावी हो जाते हैं। अतः नकारात्मक विचार जब भी आक्रमण करें तो आप उन्हें निम्नलिखित शक्तिशाली  नारों से परास्त कर दें। 

1. वर्तमान साधेंगे, ब्रह्माण्ड सधेगा। 
2. मीरा ने पिया विष का प्याला, विष को अमृत कर डाला। 
3. अग्रसोची, सदा सुखी। 
4. जो हुआ अच्छा हुआ, जो होगा वह भी अच्छा ही होगा। 
5. जलता दीपक बनें और सभी सड़े विचार जला दें। 

मैं इन नारों को दुहराते हुए अपनी ऊँगली का एक पोर हल्के से दबाता रहता हूँ। यह एंकर जैसा कार्य करता है, अतः जब मैं नारे दुहराने की स्थिति में नहीं रहता हूँ तो सिर्फ ऊँगली का वह पोर हल्के से दबाता हूँ, अवचेतन मन संबंधित नारा स्वतः  दुहराने लगता है।
एंकरिंग के सिद्धांत का आप भी पूर्ण दोहन कर सकते हैं।

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