Sunday, November 3, 2019

क्या मधुमेह ठीक हो सकता है?



13 जून 2019 को चिकित्सा हेतु मैं मोहन डायबिटीज स्पेशलिटी सेन्टर, मल्लेश्वरम, बंगलुरू गया था। वहाँ डॉ प्रवीण जी. ने मुझे अपने पेट का घेरा कम करने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे घेरा कम करते जाएंगे, मधुमेह, यूरिक एसिड आदि की गोलियां भी घटती जाएंगी। 13 जून 2019 में मेरा पेट का घेरा 110 सेंटीमीटर था, यह अब 98 सेंटीमीटर है। इस बीच स्थानीय चिकित्सक ने मधुमेह की गोलियां भी घटा दी हैं।
अनेक चिकित्सक मानते हैं कि टाइप 2 मधुमेह का प्रमुख कारण शरीर में वसा की अधिकता होती है। अधिक वसा मसल्स के ऊपर भी बैठी रहती है। यह पैंक्रियास से उत्पन्न इन्सुलिन को ठीक से काम नहीं करने देती है। फलस्वरूप पैंक्रियास और ज्यादा इन्सुलिन उतपन्न करता है, लेकिन शरीर में वसा की मात्रा क्रमशः बढ़ती जाती है और पैंक्रियास जितना भी इन्सुलिन निकालता है, वह कम पड़ जाता है तो मधुमेह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। फिर पीड़ित चिकित्सक के पास जाते हैं। चिकित्सक दवाई देकर पैंक्रियास को और ज्यादा इंसुलिन निकालने के लिए बाध्य करते हैं। रोगी को चीनी और तेल आदि नहीं खाने के लिए भी सलाह दिया जाता है, लेकिन ज्यादा जोर मीठी वस्तुएं नहीं खाने पर रहता है। फलस्वरूप मसल्स पर वसा की परत बढ़ती जाती है। पैंक्रियास द्वारा अब भी निकाली गई इन्सुलिन कम पड़ जाती है। पैंक्रियास को दवा की मात्रा बढ़ाकर और ज्यादा इन्सुलिन निकालने के लिए बाध्य किया जाता है और अंत में यह थककर जवाब दे देता है।
अतः शरीर में वसा की मात्रा कम होने से शरीर में उत्पन्न इन्सुलिन पर्याप्त कार्य करने लग सकता है।

डॉ प्रमोद पाठक, डॉ नन्दिता साह (नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्त) आदि अनेक चिकित्सकों का विश्वास है कि मधुमेह को समुचित खान-पान और व्यायाम द्वारा ठीक किया जा सकता है। ये मुख्यतः रिफाइंड चीजों तथा दूध आदि का सेवन बंद करने और पर्याप्त व्यायाम तथा ध्यान आदि की सलाह देते हैं।

मैं दावत बासमती ब्राउन चावल प्रति दिन खाता हूँ। किशमिश, खजूर आदि का भी उचित मात्रा में सेवन करता हूँ। मेरा प्रयास रहता है कि भोजन में कार्बोहाइड्रेट 25 प्रतिशत, प्रोटीन 25 प्रतिशत तथा हरी सब्जियां सलाद आदि 50 प्रतिशत रखूँ। Freedom from Diabetes app पर तथा पुस्तक में दिए गए तेल/चीनी रहित अनेक स्वादिष्ट व्यंजनों का सेवन करता हूँ। कुछ दिनों पहले चीनीरहित चॉक्लेट आइसक्रीम का भी मैंने मजा लिया।
मैं प्रतिदिन प्राणायाम और कसरत करता हूँ। प्रति सुबह हरी पत्तियों, फल और गर्म मसालों (दाल चीनी आदि) से युक्त स्मूथी मैं पीता हूँ। ग्लूकोमीटर से चीनी हमेशा जांचता रहता हूँ ताकि यह बहुत कम न हो जाये। इन उपायों से मेरे एसिडिटी में भी काफी लाभ हुआ है।
पिछले वर्ष अनेक अंग्रेजी चिकित्सकों से सलाह लेकर मैंने उच्च रक्तचाप की गोली छोड़ी थी। ईश्वर की कृपा से प्रति सप्ताह जांच में यह कभी बढ़ी नहीं मिली। अब प्रतीत होता है कि मधुमेह और एसिडिटी की गोलियों से मुक्त होने का समय शीघ्र आने वाला है।



नोट: 1. अधिक जानकारी के लिए डॉ प्रमोद पाठक द्वारा लिखित 'Freedom From Diabetes' पुस्तक पढ़ें। यह अमेज़न पर हिंदी में भी उपलब्ध है।
ये मेरे अनुभव हैं। कोई भी प्रयोग योग्य चिकित्सक की देख-रेख में ही करें क्योंकि उपरोक्त विधियों से मधुमेह बहुत तेजी से घट सकता है।
2. उपयोगी वेबसाइटें: i) sharan-india.org
ii) freedomfromdiabetes.org