कुछ दिनों पहले समाचार-पत्र में पढ़ा था कि एक सज्जन का क्रेडिट कार्ड उनके पास सुरखित रखा था, फिर भी जालसाजों ने उनके खाते से रूपये 130,000 की खरीददारी कर ली थी. पुलिस-थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस छान-बीन में जुटी थी.
आखिर ऐसा कैसे सम्भव है? कार्ड आपके पर्स में है. आपने पिन किसी को बताया नहीं तो मार्केटिंग कैसे हो गयी?
ऐसा क्लोनिंग के द्वारा सम्भव है. सबसे पहले डॉली नामक एक भेड़ की क्लोनिंग हुई थी. डॉली के शक्ल-सूर्त की हुबहू दूसरी भेड़ क्लोनिंग करके बनायी गयी थी.
अब अरब टके का प्रश्न यह है कि जालसाज आपके कार्ड की क्लोनिंग कैसे करते हैं?
जब आप मार्केटिंग करने या रुपया निकलने जाते हैं तो वे स्किम्मर की मदद से आपका डाटा चोरी कर लेते हैं. यह स्किम्मर एटीएम के कार्ड-रीडर के साथ अत्यंत सावधानी के साथ सटा कर रख दिया जाता है और एक विडियो कैमरा की-बोर्ड की ओर लगा दिया जाता है.जब आप एटीएम में कार्ड डालते हैं तो स्किम्मर में आपके कार्ड का सारा डाटा चला जाता है. फिर पिन डालते समय विडियो कैमरे में आपका पिन रिकॉर्ड हो जाता है. अब जालसाज लैपटॉप में आपका डाटा ट्रान्सफर करके सस्ते कार्ड पर डुप्लीकेट एटीएम बना लेते हैं. विडियो कैमरे की मदद से आपका पिन लेकर आपका खाता खाली कर देते हैं.
आपके कार्ड का डाटा कई बड़े-बड़े मॉल और दुकानों में भी चुराया जाता है. ऐसे मॉल या दुकान में जब आप खरीददारी करते हैं तो पॉश-मशीन में कार्ड स्वैप करने के पहले वे उसे डेस्कटॉप, प्रिंटर या किसी अन्य स्थान पर स्वैप करके आपके कार्ड का सारा डाटा चुरा लेते हैं. वे संभवतः मार्केटिंग उद्देश्य से आपके डाटा की चोरी करते हैं. लेकिन उनकी नियत बिगड़ जाये तो वे भी आपके कार्ड की क्लोनिंग कर ले सकते हैं और सामन्यतया हमलोग बिना हाथ से ढके पासवर्ड डालते हैं, जिसे विडियो कैमरे द्वारा आसानी से चुराकर आपका खाता खाली कर सकते हैं.
क्लोनिंग से बचने के लिए आप निम्नलिखित सुझावों का पालन करके लाभ उठा सकते हैं.
- यह सुनिश्चित कर लें कि एटीएम के कार्ड-रीडर से सटाकर तो कुछ नहीं रखा गया है.
- एटीएम में जब भी पिन डालें, दूसरे हाथ से ढककर डालें.
- फूटपाथ पर या घर-घर घुमने वालों के पॉश-मशीन पर अपना कार्ड स्वैप नहीं करें.
- प्रत्येक SMS को ध्यान से पढ़ें. यदि जलसाज आपके पैन कार्ड या सिम का डुप्लीकेट निकालने का प्रयास करेंगे तो आपको SMS अवश्य भेजा जाएगा।
- यदि आपका कार्ड पॉश मशीन के अलावा दुकानदार अन्य कहीं स्वैप करे तो उससे इसका कारण पूछकर उसे हतोत्साहित करें।
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