'बस एक बार', संभवतः इस संसार का सबसे ज्यादा नकारात्मक और विनाशकारी वाक्यांश है।
कोई कहता है कि 'बस एक बार', मैं पांच मिनट और सो लेता हूँ, उसके बाद पांच किलोमीटर तेजी से टहलूंगा। कोई कहता है कि 'बस एक बार', मैं जी भर के शराब पी लेता हूँ, उसके बाद अगले सात जन्म तक सपने में भी इसे नहीं छुऊँगा। कोई कहता है कि 'बस एक बार', पान या गुटखे का मजा ले लेता हूँ, फिर कभी इनके आस -पास भी नहीं फटकूंगा।
लेकिन , अफ़सोस , बाद में उन्हें महसूस होता है कि 'बस एक बार', वाक्यांश ने न केवल उनके स्वास्थ्य पर , बल्कि उनकी महत्वकांछाओं पर भी पानी फेर दिया है , क्योंकि 'बस एक बार' का सिलसिला अनवरत चलता चला जाता है।
कैसे हम इस नकारात्मक और विनाशकारी वाक्यांश से छुटकारा पा सकते हैं ?
यदि कोई बुरी आदत त्यागने लायक है तो इसे झट-पट त्याग दें। यदि गुटखा खाना खतरनाक है तो फिर क्यों 'बस एक बार' एक गुटखा खाने के बारे में सोचें, क्यों न इसे अविलम्ब अलविदा कह दें ?
यदि कोई काम करने लायक है तो उसे १० सेकंड के लिए भी क्यों टाले , क्यों न उसे अभी तुरत करना प्रारम्भ कर दें ?
अतः आज ही टाल -मटोल के शहंशाह 'बस एक बार', को हमेशा के लिए अलविदा कह दें और गतिशीलता के सम्राट 'अविलम्ब ' को सदा के लिए गले लगा लें। अपने सपने सच करना और जीवन के उद्देश्यों को पाना आपके लिए आसान हो जायेगा।